The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
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अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब shiv chalisa in hindi श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
पाठ करे सो पावन हारी ॥ पुत्र हीन कर इच्छा जोई Shiv chaisa ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥